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Actor Randhir Biography | Actor Randhir's life story

Actor Randhir Biography | Actor Randhir's life story

About this video- नमस्कार दोस्तों मैं हूँ आपका दोस्त बबलू कुमार मंडल। और आप देख रहे हैं Yaadein Hindi चैनल। रणधीर हिंदी और पंजाबी फिल्मों में एक भारतीय चरित्र अभिनेता थे जो 1940 से 1980 के दशक तक सक्रिय रहे। शोशल मीडिया में एक्टर रणधीर से जुड़ी जानकारी बहुत देखने को मिलती है। उन्होंने लगभग 172 से अधिक फिल्मों में काम किया।रणधीर का जन्म 04 मई 1918 को पंजाब के सिरमौर रियासत में चौहानों के एक ठाकुर परिवार में हुआ था, उनके एकमात्र भाई का नाम इंद्र था जो नाहन में रहते थे। वे अक्सर सहायक नायक या सहायक दोस्तों के रोल किया करते थे। वे अपने जमाने के दौड़ में कॉमेडियन ,हीरो के मित्र या भाई और आगे चलकर उन्होंने दादा, पिता , लाला या मुंशी इत्यादि रोल किया करते थें। कुछ मौकों पर, उन्होंने नायक की भूमिका भी निभाई। रणधीर को 1948 में आई फ़िल्म गोपीनाथ में राजकपूर के साथ रणधीर की भूमिका में देखा गया। उन्हें पतंगा (1949) , आरज़ू (1950) और ज़ोरो (1975) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है ।
फिल्मों में काम करने से पहले रणधीर दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो में काम करते थे। वह एक उत्साही खिलाड़ी थे और शिमला में स्कूली शिक्षा के दौरान शिमला यंग्स नामक एक स्थानीय टीम के लिए फुटबॉल खेलते थे।
रणधीर को फ़िल्म दिल देके देखो (1959) में उनकी सबसे प्रसिद्ध नायक के दोस्त की भूमिका थी।
रणधीर ने 1960 के दशक के अंत में साहूकार 'लाला' की भूमिका अपनानी शुरू की। धर्मेंद्र,तनुजा और माला सिंहा अभिनीत फिल्म बहारें फिर भी आएंगी (1966) में उनकी भूमिका इस रूप में उनकी शुरुआती भूमिकाओं में से एक हो सकती है, लेकिन यह आने वाले समय की एक मोटी झलक थी। उन्होंने राज खोसला की निर्देशन में बनी फिल्म दो रास्ते (1969) में खुद को इस भूमिका में पूरी तरह से ढाल लिया। उसके बाद उन्हें लगभग पूरी तरह से लाला या इसी तरह के व्यापारी के रूप में कास्ट किया गया। साथ ही दो चोर (1972), जंजीर (1973) में उनकी भूमिका इस टाइपकास्टिंग का एक उदाहरण है। रणधीर ने सुनील दत्त और शत्रुघ्न सिन्हा अभिनीत फ़िल्म हीरा (1973) में साहूकार धनीराम के मुंशी माखन लाल और बलवंत (शत्रुघ्न सिन्हा) के पिता की भूमिका निभाई थी । तो वहीं इसी साल की फ़िल्म लोफर में उन्होंने एक साहूकार की भूमिका निभाई थी।
1982 में रिलीज़ हुई फ़िल्म मेहरबानी और फ़िल्म खुद-दार में रणधीर को "दिवंगत" बताया गया है, जिसका अर्थ है कि उनकी मृत्यु इसके रिलीज़ होने से पहले ही हो गई थी। उनकी आखिरी रिलीज़ 1983 में आई फ़िल्म बिंदिया चमकेगी थी जिसे स्वर्गीय गुरुदत्त के बेटे तरुण दत्त ने बनाया था। रणधीर ने इस फ़िल्म में लाला दीनदयाल की भूमिका निभाई थी। अब बात करते हैं उनके फिल्मों के बारे में उन्होंने गोपिनाथ, पोस्ती,मधुवाला,तमाशा, दिल देके देखो, गुड्डी,बहारे फिर भी आएंगी, दो रास्ते, दो चोर, हीरा, लोफर, प्रेमी गंगाराम, मेहरबानी,खुद्दार, बिंदिया चमकेगी जैसे फिल्मों में अभिनय किया था।
अभिनेता रणधीर की मृत्यु से संबंधित ठीक ठीक जानकारियां शोशल मीडिया हमे नही मिली। जहाँ एक ओर 1982 की फ़िल्म खुद्दार की कास्टिंग में उनके नाम के आगे late लगा है। यानी फ़िल्म के रिलीज होने से पहले उनकी मृत्यु हो गयी तो वहीं 1983 में तरुण दत्त द्वारा निर्देशित फिल्म बिंदिया चमकेगी उनकी आख़िरी फ़िल्म बताई जाती है।
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Note: This video is based on internet research,magazine, news article and other sources . thus may not be 100% accurate.

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