सार्दीनिया के पूर्वी तट पर बसे गांवों में लोग दुनिया की बाक़ी सभी जगहों के मुक़ाबले ज़्यादा लंबा जीते हैं. पर कैसे? क्या इसकी वजह पोषक तत्व हैं? अच्छा मौसम है या जेनेटिक्स हैं? दुनियाभर के वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.
91 साल के अंतोनांजलो व्यस्त जीवन जीते हैं. वह हर सुबह अपनी भेड़ों का दूध निकालने जाते हैं और फिर उससे चीज़ बनाते हैं. अंतोनांजलो कहते हैं, ‘काम ही मेरी ज़िंदगी है. अगर मैं काम करना बंद कर दूं, तो मर जाऊंगा.’ पहाड़ी इलाक़ों में रहनेवाले कई सार्दीनियाई लोगों की तरह वह और उनकी पत्नी लगभग पूरी तरह से स्थानीय उत्पाद खाते हैं. व्यायाम और स्वस्थ भोजन लंबी उम्र के उनके राज़ हैं.
जूज़ेपीनो 100 साल की उम्र पार कर चुके हैं. वह अब भी अपने गांव विलाग्रांद्रे की ज़्यादातर सड़कों पर पैदल ही चलते हैं. क्या पहाड़ी पर स्थित यह प्रतिकूल इलाक़ा उनकी लंबी उम्र का राज़ है? जूज़ेपीनो का परिवार उनकी देखभाल करता है, लेकिन वह अब भी अपने फ़्लैट में अकेले रहते हैं और ऊर्जा से भरपूर हैं. उनके मुताबिक़ सकारात्मक दृष्टिकोण और हंसते-हंसाते रहने की भावना उनकी लंबी उम्र की कुंजी है.
काफ़ी शोध के बावजूद ब्लू ज़ोन के रहस्यों को अभी तक पूरी तरह समझा नहीं जा सका है. लेकिन इस इलाक़े पर हुए एक शोध में यह नतीजा निकला है कि जीवन के पहले आधे हिस्से में जेनेटिक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
91 साल की कैरोलीना साफ़तौर पर मानती हैं कि एक भरा-पूरा परिवार लंबे जीवन की शर्त है. उनका वृद्धाश्रम जाने का कोई इरादा नहीं है. उनके लिए सबसे ज़रूरी बात है कि एक मां अपने बच्चों के साथ बूढ़ी हो. पारंपरिक भोजन तैयार करना अब भी उनके पसंदीदा शगलों में से एक है.
#dwdocumentaryहिन्दी #dwdocs #dwहिन्दी #bluezone #centenarians #sardinia
----------------------------------------------------------------------------------------
अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए.
विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: @dwhindi
और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: https://p.dw.com/p/MF1G
コメント