Jeevan Biography | jeevan's life story
About this video- नमस्कार दोस्तों मैं हूँ बबलू कुमार मंडल और आप देख रहे है Yaadein Hindi चैनल । एक समय था जब फिल्मों में खलनायक इतना प्रधान होता था कि नायक से अधिक चर्चे खलनायक के होते थे। ऐसे ही समय के खलनायक रहे हैं जीवन, जिन्होंने अपने जीवंत अभिनय से फिल्मी पर्दे पर वह वह छाप छोड़ी कि उनकी छवि विलन की बन गई।
जीवन ने फिल्मों में अधिकतर खलनायक के किरदार अदा किए और बखूबी अदा किए। दमदार अदाकारी और बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी के लिए जीवन को दर्शक आज भी याद करते हैं। जीवन ने पर्दे पर नेगेटिव किरदारों को इतने शानदार अंदाज में अदा किया कि एक बार एक महिला ने सरेआम उनकी पिटाई कर दी थी।ओंकार नाथ धर का जन्म 24 अक्तूबर 1915 को श्रीनगर में एक कुलीन कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था हुआ था। जिन्हें उनके मंचीय नाम जीवन से बेहतर जाना जाता है , जीवन की डायलॉग डिलीवरी कमाल की थी। उन्हें जीवन नाम विजय भट्ट ने दिया था।वे एक भारतीय अभिनेता थे। जीवन का जन्म एक कुलीन कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनके दादा, एक रईस, गिलगित एजेंसी के गवर्नर के रूप में कार्यरत थे । जीवन का परिवार काफी बड़ा था। उनके 24 भाई बहन थे !जीवन के जन्म के साथ ही उनकी मां का निधन हो गया था। जब जीवन तीन साल के थे तब उन्होंने अपने पिता को खो दिया। जीवन के परिवार में फिल्मों में जाना स्वीकार नहीं किया जाता क्योंकि फिल्में वर्जित मानी जाती थीं, इसलिए जीवन 18 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर मुंबई आ गए। जब वह मुंबई आए तो उनकी जेब में सिर्फ 26 रुपए थे। फिल्मों में अभिनय का ख्वाब लिए मुंबई आए जीवन को शुरुआत में काफी समय संघर्ष करना पड़ा, उन्होंने डायरेक्टर मोहनलाल सिन्हा के स्टूडियो में रिफ्लेक्टर पर सिल्वर पेपर चिपकाने का काम किया इसके बाद धीरे धीरे किसमत बदली और उनकी एक्टिंग भी चमकी, जब मोहनलाल सिन्हा को पता चला कि जीवन फिल्मों में अभिनय करना चाहते हैं , तो उन्होंने 1935 में बनी अपनी फिल्म ‘फैशनेबल इंडिया’ में जीवन को विलन का रोल दिया। ‘फैशनेबल इंडिया’ जीवन की पहली फिल्म थी, इस फिल्म में जीवन का अभिनय कमाल का रहा, जिसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, फिल्मों में उन्हें लगातार रोल मिलते रहे। एक्टर को फैंस के बीच एक नायाब एक्टिंग वाले विलेन के रूप में पहचान मिली है. जीवन की सफल जीवन के नाम फिल्मों में एक ही किरदार को सबसे ज्यादा बार निभाने का रिकॉर्ड दर्ज है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने विभिन्न भाषाओं की 60 से अधिक फिल्मों और थिएटर शो में नारद मुनि की भूमिका निभाई है। नारद मुनि के रूप में उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म त्रिलोक कपूर और निरूपा रॉय के साथ 1950 की हिट फिल्म "हर हर महादेव" थी । सबसे अधिक बार नारद मुनि की भूमिका निभाने का उनका रिकार्ड ‘लिम्का बुक ऑफ रिकाडर्स’ में दर्ज है जीवन कहते थे कि फिल्मों में विलन के किरदार में उन्होंने जितने पाप किए थे, नारद की भूमिका में उससे अधिक बार नारायण-नारायण बोलकर उन्हें धो लिया। नारद मुनि का रोल करते समय जीवन सिर्फ शाकाहारी भोजन ही लिया करते थे।जीवन ने कभी मर्डडर तो कभी रेपिस्ट और गुंडा बनकर अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने इन किरदारों को ऐसे निभाया कि लोग सच में उनसे नफरत कर बैठे! उन्हें लेकर एक किस्सा है। एक इवेंट के लिए जीवन मुंबई से बाहर गए थे। ट्रेन से उतरे तो स्वागत करने के लिए भीड़ जुटी हुई थी, लेकिन अचानक उनके चेहरे पर एक चप्पल पड़ी। नजर घुमाई तो देखा कि एक महिला दूसरी चप्पल मारने के लिए तैयार खड़ी थी और जोर-जोर से गालियां दे रही थी। पुलिस ने बिना देर किए उस महिला को पकड़ लिया।जीवन शांत स्वाभाव के थे तो पास जाकर पूछा, 'मैं तुम्हें जानता तक नहीं तो मुझे मारा क्यों? रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला ने पहले तो खूब गालियां दीं और फिर कहा, 'तुम दुनिया के सबसे घटिया इंसान हो। तुमने कई लोगों की हत्या की है और कई महिलाओं का रेप किया है।' यह सुनकर हर कोई हैरान था, क्योंकि जीवन फिल्मों में ऐसे रोल किया करते थे, ये असर था जीवन के दमदार अभिनय का। उन्होंने ६०,७०,और ८० के दशक में एक फेमस खलनायक की भूमिका अदा किया ! इस दौरान उन्होंने कई सफल फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया , जिसे आज भी लोग दोहराते हैं ! उनमे से 1935 में रोमांटिक इंडिया, १९४२ में 'स्टेशन मास्टर' , १९४६ में 'अफसाना', , नागिन, शबनम, हीर-रांझा, जॉनी मेरा नाम, कानून, सुरक्षा, लावारिस, आदि फिल्मों में भी अहम भूमिकाएं निभाई। स्वामी, शरीफ बदमास , कोहिनूर , धर्मवीर स्टेशन मास्टर , अमर अकबर अन्थोनी , नागिन, हमराज सुहाग , गिरफ्तार और नसीब जैसे यादगार फिल्मे शामिल हैं ! उन्होंने पंजाबी फिल्म तेरी मेरी एक जिंदरी में भी अभिनय किया । उनकी आखिरी फिल्म 1986 में रिलीज हुई 'इंसाफ की मंजिल' थी , जिसके निर्माता राम नंदन प्रसाद और निर्देशक ब्रज भूषण थे। जीवन ने फोटोग्राफी, नृत्य, एक्शन, संगीत आदि में भी किस्मत आजमाई लेकिन असफल रहे। 10 जून 1987 को एक्टर जीवन का 71 साल की उम्र में निधन हो गया.
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