हिमाचल पौराणिक और ऐतिहासिक प्रदेश है. यहां बहुत से राजा-महाराजाओं ने राज किया. यहां बहुत सारे ऐसे स्थान हैं जो बेहद रोमांचित और लोकप्रिय हैं. उन्हीं में शामिल है चंबा और कांगड़ा जिला. जिसमें अनोखी प्रजाति निवास करती है. हिमाचल में प्राकृतिक रूप से निवास करने वाली जनजातियों में से गद्दी जनजाति की एक बड़ी जनसंख्या है. गद्दी जनजाति की विशिष्ट भाषा, संस्कृति, रहन-सहन, रीति-रिवाज और पहनावे के कारण अपनी अलग-पहचान (tradition of gaddi) है.
गद्दी समुदाय ने अपनी पुरानी संस्कृति और विरासत को आज भी संजो कर रखा है. समुदाय की सबसे बड़ी रोचक बात ये है कि इससे जुड़े लोग देश-विदेश में कहीं भी रह रहे हो, लेकिन वे अपनी कला और संस्कृति संस्कृति (culture of gaddi community) को नहीं भूले हैं.
गद्दी जनजाति भारत की सांस्कृतिक रूप से सबसे समृद्ध जनजातियों में से एक है. पशुपालन करने वाले ये लोग शुरू में ऊंचे पर्वतीय भागों में बसे रहे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इन लोगों ने धौलाधार की निचली धारों, घाटियों और समतल हिस्सों में भी ठिकाने बनाए. मौजूदा समय में ये जनजाति हिमाचल प्रदेश के चंबा (chamba gaddi community) और कांगड़ा जिले में बसे हुए हैं. कई गद्दी आज पालमपुर और धर्मशाला समेत कई कस्बों में भी अपने परिवारों के साथ रहते हैं.
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